दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं कि Saving kare ya Investment क्या हमारे लिए जरुरी है हमें सेविंग करना चाहिए या इन्वेस्टमेंट करना चाहिए ये सारी जानकारी आसन और सरल भाषा में समझायेंगे इसलिए आर्टिकल को पूरा जरुर पड़े तो चालिए दोस्तों बिना किसी देरी के सीधे अपने बिषय पर आते है और जानते है Saving vs Investment Hindi me के बारे में।
सेविंग्स या इन्वेस्टमेंट क्या है ज्यादा जरूरी (Saving kare ya Investment)
सेविंग वर्सिज इन्वेस्टमेंट यह दो चीज जो है इनको लेकर लोगों के दिमाग में न जाने क्या-क्या चलते रहता है कई लोग तो ऐसे होते हैं जो कि इन दोनों ही चीजों को एक ही समझने की हद ही कर देते क्योंकि बिल्कुल ही गलत है, तो आखिर क्या है सेविंग्स और इनवेस्टमेंट का फंडा और तो और जरूरी बात यह है कि सेविंग और इन्वेस्टमेंट क्या है और उससे ज्यादा जरूरी बात तो यह है कि आपके लिए दोनों में से जरूरी क्या है आपको सबसे पहले सेविंग को प्रायोरिटी देनी है या फिर आपको इन्वेस्टमेंट को प्रायोरिटी देनी है कौन सी चीज आपके लिए ज्यादा जरूरी है।
तो फ्रेंड्स क्या आप सच में जानते हो आपको क्या सूट करता है सेविंग जरूरी है या इन्वेस्टमेंट जितने भी लोग इस वक्त आर्टिकल देख रहे हैं उसमें से आधे लोग यह कहेंगे कि सेविंग जरूरी है तो कुछ लोग कहेंगे कि नहीं इन्वेस्टमेंट जरूरी है लेकिन इस आर्टिकल को अगर आखिर तक आपने देख लिया तो आपको क्लीयरली पता चल जाने वाला है कि कौन सी चीज जरूरी है सेविंग्स या इन्वेस्टमेंट तो आखिर तकआर्टिकल में बने रहे।
इन्हे भी पढ़ें
- New business ideas in Hindi
- Village Business Ideas Part-1
- Petrol Pump Kaise Khole ?
- Electric Charging Station Kaise Khole?
- Travel Agency Kaise Khole?
तो स्वागत है दोस्तों आपका आज के हमारे एक और नए आर्टिकल में जहां मैं आप सभी को सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट से जुड़े कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने वाला हूं जो आपको आपके लाइफ में बहुत ही ज्यादा हेल्प करने वाली है।
तो दोस्तों इससे पहले कि मैं आपको यह बता दूं कि इन्वेस्टमेंट और सेविंग्स में से आपके लिए ज्यादा जरूरी क्या है उससे पहले ज्यादा जरूरी यह है की सबसे पहले आपको सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट के बीच का जो अंतर है वह पता क्योंकि कई लोग ऐसे हैं जो सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट दोनों को एक ही मानते हैं और उन्हें नहीं पता कि बस सेविंग्स कर रहे हैं या इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं तो दोस्तों सबसे पहले हम बात करते हैं सेविंग्स की।
सेविंग्स क्या है (What is Saving)
आपको मैं एक एग्जांपल के माध्यम से बताता हूं आप सभी के पास बचपन के दिनों में गुल्लक हुआ करता होगा जिसमें आप पैसे बचा के जरूर रखते होंगे चाहे वह ₹2 हो ₹10 हो बैग गुल्लक में डालते होंगे और जब गुल्लक भर जाता था तब आप गुल्लक फोड़ कर पैसे निकाल लेते होंगे आप और हम जो यह बचपन में किया करते थे इससे ही हम सेविंग्स कहते हैं यानी कि पैसे को बचाना अभी भी आप सभी अपने पैसे को घर में कहीं ना कहीं खर्चों से बचाकर रखते ही होंगे उन्हें हम सेविंग्स कहते हैं।
जो कि आगे आने वाली किसी भी इमरजेंसी में या किसी भी जरूरी समय हमारे काम आते हैं सेविंग्स की सबसे खास बात यह होती है कि आप जो पैसे से करते रहते हैं आपको लॉस होने का कोई भी डर नहीं रहता अगर आपके पास एक लाख सेविंग है तो 10 साल के बाद भी एक ही लाख रहने वाली है वह बात अलग है कि उसकी वैल्यू 10 साल की बात कम होगी लेकिन आपके पैसे आपके पास ही रहेंगे लेकिन इन्वेस्टमेंट में ऐसा नहीं चलिए अब इन्वेस्टमेंट को समझते हैं।
इन्वेस्टमेंट क्या है (What is Investment )
दोस्तों इन्वेस्टमेंट यानी कि निवेश यानी कि आप अपने पैसे को जहां निवेश करते हैं जैसे कि आप कोई नई कार ले रहे हैं या न्यू फर्नीचर्स ले रहे हैं या फिर आप हो सकता है कि नया घर या फ्लैट ले रहे हो इन सभी चीजों में से जो आप पैसे दे रहे हैं उन्हें आप इन्वेस्टमेंट करेंगे आपने शेयर मार्केट के बारे में तो सुना ही होगा जिसमें आप शेयर खरीदने हैं तो उससे भी आपके पैसे को इन्वेस्ट करना ही कहते हैं जिस तरह से सेविंग्स में आपको आपके पैसे के लॉस होने का डर नहीं होता आपके पैसे आपके पास ही रहते हैं।
इन्हे भी पढ़ें
- Roadside Business Ideas in Hindi Complete Information
- Best Business Ideas under 1 Lakh Rupees
- Village Business ideas in Hindi
- New business ideas in Hindi | zero investment business
वैसा इन्वेस्टमेंट में नहीं होता इन्वेस्टमेंट में आने वाले समय में आपको फायदा भी हो सकता है और हो सकता है कि आपके पैसे कम भी हो जाए इसलिए इसमें रिस्क होता है लेकिन हां रिस्क के हिसाब से इसमें आपको अच्छा खासा मुनाफा भी मिल जाता है जो कि आपको सेविंग्स में देखने को नहीं मिलता यानी कि घूम फिर कर बात फिर वही आती है कि सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट में ज्यादा जरूरी क्या है।
सेविंग्स Vs इन्वेस्टमेंट (Saving Vs Investment)
दोस्तों अगर आपको अभी भी नहीं पता चला तो आपके लिए क्या ज्यादा जरूरी है तो चलिए मैं ही आपको बता देता हूं कि सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट में आपको कौन कौन सा ऑप्शन चुनना चाहिए दोस्तों वैसे तो लाइफ में इन्वेस्टमेंट करना बहुत जरूरी है लेकिन जब बात आ जाती है सेविंग्स की और इन्वेस्टमेंट में ज्यादा जरूरी क्या है तो दोस्तों मैं तो दोनों में से सेविंग्स को ही आपके लिए जरूरी मानूंगा अब आप सोच रहे होंगे कि सेविंग्स करने से आने वाले समय में हमें फायदा ही नहीं होने वाला है तो यह हमारे लिए ज्यादा जरूरी क्यों हुआ इसमें बड़ा सिंपल सा जवाब इसका यह है कि आप मेरे एक सवाल का जवाब दीजिए।
कि मान लीजिए कि आप महीने में या फिर साल में जितने भी पैसे कमा रहे हैं आप उन्हें यह सोचकर कहीं इन्वेस्ट कर देते हैं कि आने वाले समय में आपको इससे फायदा मिलेगा और मुझे पता है कि आपको फायदा मिलेगा लेकिन आप भी सोचिए कि वही कुछ समय बाद आपके सामने कोई एमरजैंसी सिचुएशन आ जाए और वह इमरजेंसी कुछ भी हो सकती है हो सकता है।
इसे भी पढ़ें –
- Direct Selling ka Future ?
- Direct Selling Success Tips in hindi ?
- How to Select Best Direct Selling Company ?
- Direct Selling me Sales Closing Tips
कि मेडिकल इमरजेंसी हो या फिर कोईऔर इमरजेंसी हो तो उसे समय आपके पास पैसे तो होंगे नहीं क्योंकि आपने अपने सारे पैसे इन्वेस्ट कर दिए होंगे और अपने सेविंग्स कि नहीं होगी तो जाहिर सी बात है कि वही एमरजैंसी सिचुएशन आपके लिए और भी ज्यादा खतरनाक बन जाएगी और ऐसी सिचुएशन में आपको लोन लेकर पैसे की व्यवस्था करनी होगी।
जिसका इंटरेस्ट शायद आपको उसे इन्वेस्टमेंट से मिलने वाले रिटर्न से कहीं ज्यादा देना होगा तो शायद आप खुद ही यह समझ गए होंगे कि आपके लिए सेविंग और इन्वेस्टमेंट में सबसे ज्यादा जरूरी क्या है हां दोस्तों लेकिन आप सबसे पहले सेविंग करें यह जरूरी है क्योंकि इन्वेस्ट करने से पहले आपको आपके पास इतने पैसे तो रखनी ही चाहिए कि आप आसानी से किसी एमरजैंसी सिचुएशन को हैंडल कर सके उसके बाद ही आपको इन्वेस्टमेंट के बारे में सोचना चाहिए।
लेकिन हां अगरआपके पास अच्छी खासी सेविंग्स है और आपको लगता है कि आगे अगर आपके सामने कोई इमरजेंसी आए तो आप उसे उसे सेविंग्स से हैंडल कर सकते हैं और आपको लोन नहीं लेना पड़ेगा तो उसके बाद आप बिना किसी परेशानी के आंख बंद करके अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं क्योंकि उसके बाद आपको किसी भी चीज का डर नहीं रहेगा क्योंकि आप पहले से ही सेविंग कर चुके होंगे और अगर आप सामने कोई एमरजैंसी सिचुएशन देखते भी हैं तो आपकी सेविंग्स आपके इन्वेस्टमेंट के डिसीजंस को कभी गलत साबित नहीं होने देंगे।
इसलिए जरूरी है कि आप अपने पैसे इन्वेस्ट करने से पहले आप उतनी सेविंग्स कर ले जिससे कि आप अपने नॉर्मल लाइफ के साथ साथ एमरजैंसी सिचुएशन को भी हैंडल करने के पोजीशन में हो अब तो आपको समझ में आ गया होगा कि आपके लिए सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट में सबसे ज्यादा जरूरी क्या है।
लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप सिर्फ और सिर्फ सेविंग सी करते रहे और अपने पैसे कहीं इन्वेस्ट नहीं करें क्योंकि ज्यादा सेविंग्स करना भी आप का गलत फैसला साबित हो सकता है ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप अपने पैसे इन्वेस्ट करते हैं तब आपको अपने पैसे की वैल्यू के कम होने का डर नहीं रहता लेकिन वही जब आप सेविंग्स करते हैं तब आपको अपने पैसे के वैल्यू कम होने का डर रहता है यानी कि अगर आपने ₹100000 सेविंग्स करके रखे होंगे तो 10 साल के बाद आपको एक लाख ही मिलेगा और उसकी वैल्यू 10 साल के बाद बहुत ज्यादा कम हो चुकी होगी।
इन्हे भी पढ़ें
इसलिए मैं आपसे कह रहा हूं कि आपको एक लिमिट तक इस सेविंग रखनी चाहिए ज्यादा सेविंग्स भी आपका लॉस करवाती है।
निष्कर्ष
उम्मीद है कि आपको मेरी यह बात समझ में आ रही होगी कुल मिलाकर कहें तो सेविंग और इन्वेस्टमेंट दोनों ही आपकी लाइफ के लिए बहुत ही ज्यादा इंपोर्टेंट है जिसमें कीआपको सेविंग्स को प्रायोरिटी देनी है लेकिन एक लिमिट तक उसके बाद आपको कुछ इन्वेस्टमेंट करना है बाकी आप समझदार है आप यह बात खुद ही समझ सकते हैं हर्षद मेहता की एक बस लाइन याद आ रही है रिस्क है तो इश्क है आर्टिकल पसंद आया हो तो तुरंत लाइक और शेयर करना न भूले।
धन्यवाद